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सैमसंग और हुंडई ने AI चिप सहयोग मजबूत किया: 차량용 반도체 파트너십으로 자율주행 기술 가속화

सैमसंग-हुंडई AI चिप साझेदारी

सैमसंग और हुंडई ने AI चिप सहयोग मजबूत किया: वाहन सेमीकंडक्टर साझेदारी से स्वायत्त ड्राइविंग तकनीक में तेजी

दक्षिण कोरिया की दो सबसे बड़ी कंपनियां—सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स और हुंडई मोटर—ने अक्टूबर 2025 में एक रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है जो वाहन AI चिप विकास में एक नया युग स्थापित करेगी। यह सहयोग स्वायत्त ड्राइविंग तकनीक, इलेक्ट्रिक वाहन नियंत्रण प्रणाली, और अगली पीढ़ी के कनेक्टेड कार समाधानों के लिए विशेष सेमीकंडक्टर बनाने पर केंद्रित है। भारतीय संदर्भ में, यह टाटा मोटर्स और इन्फोसिस के बीच एक तकनीकी साझेदारी के समान महत्व रखता है—जहां एक वाहन विशेषज्ञ और एक तकनीकी दिग्गज मिलकर भविष्य का निर्माण करते हैं।

साझेदारी का रणनीतिक महत्व

सैमसंग-हुंडई साझेदारी केवल एक व्यापारिक समझौता नहीं है—यह दक्षिण कोरिया की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सैमसंग, जो दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर कंपनी है, अपनी 3nm और 2nm चिप निर्माण तकनीक को हुंडई के वाहन इंजीनियरिंग विशेषज्ञता के साथ जोड़ रही है। हुंडई, जो दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ऑटोमेकर है (टोयोटा और वोक्सवैगन के बाद), इस साझेदारी के माध्यम से 2030 तक पूर्णतः स्वायत्त वाहन (Level 5 autonomy) विकसित करने का लक्ष्य रख रही है।

भारतीय दृष्टिकोण से, यह उस रणनीति के समान है जो टाटा मोटर्स अपनी इलेक्ट्रिक वाहन (EV) योजनाओं के लिए अपना रही है—जहां वाहन निर्माता अपने आपूर्ति श्रृंखला में तकनीकी साझेदार जोड़ रहे हैं। लेकिन सैमसंग-हुंडई का मामला अधिक गहरा है क्योंकि वे केवल घटकों की खरीद नहीं कर रहे—वे संयुक्त रूप से अगली पीढ़ी की तकनीक का निर्माण कर रहे हैं। यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है, विशेष रूप से जब भारत सरकार ने ₹76,000 करोड़ का सेमीकंडक्टर मिशन शुरू किया है और Mahindra, Tata जैसी कंपनियां इलेक्ट्रिक और स्वायत्त वाहनों में निवेश कर रही हैं।

वाहन AI चिप्स की तकनीकी जटिलता

वाहन AI चिप्स सामान्य स्मार्टफोन या कंप्यूटर चिप्स से बहुत अलग होती हैं। एक स्वायत्त वाहन को रीयल-टाइम में निर्णय लेने होते हैं—अक्सर मिलीसेकंड में—जो जीवन और मृत्यु का अंतर हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि एक बच्चा अचानक सड़क पर आ जाता है, तो AI चिप को 100 मिलीसेकंड से कम समय में इसे पहचानना, विश्लेषण करना, और ब्रेकिंग सिस्टम को सक्रिय करना होता है। यह भारतीय सड़कों के लिए विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण है, जहां गायें, साइकिल चालक, ऑटोरिक्शा, और पैदल यात्री सभी एक साथ चलते हैं।

सैमसंग-हुंडई साझेदारी तीन प्रकार की विशेष चिप्स विकसित कर रही है: 1) **Perception Chips** जो कैमरे, लिडार, और राडार डेटा को संसाधित करती हैं (प्रति सेकंड 1 टेराबाइट से अधिक डेटा), 2) **Decision Chips** जो AI एल्गोरिदम चलाती हैं और ड्राइविंग निर्णय लेती हैं (10 quadrillion operations per second क्षमता), और 3) **Control Chips** जो वाहन के मोटर, ब्रेक, और स्टीयरिंग को नियंत्रित करती हैं। ये तीनों चिप्स एक साथ काम करती हैं जैसे मानव मस्तिष्क—आंखें देखती हैं, मस्तिष्क निर्णय लेता है, और मांसपेशियां कार्रवाई करती हैं।

स्वायत्त ड्राइविंग में प्रगति

हुंडई का लक्ष्य 2028 तक Level 4 स्वायत्तता (शहरों में पूर्णतः मानव-रहित ड्राइविंग) और 2030 तक Level 5 (किसी भी परिस्थिति में पूर्णतः स्वायत्त) हासिल करना है। वर्तमान में, अधिकांश वाहन Level 2 पर हैं (Tesla Autopilot, Mercedes Drive Pilot)—जहां वाहन सीमित परिस्थितियों में मदद कर सकता है लेकिन ड्राइवर को सतर्क रहना होता है। भारत में, Mahindra और Tata की अधिकांश EV अभी भी Level 1 या Level 2 पर हैं।

सैमसंग की AI चिप्स हुंडई को यह छलांग लगाने में मदद करेंगी। उदाहरण के लिए, हुंडई का आगामी IONIQ 7 SUV (2026 लॉन्च) इन चिप्स का उपयोग करके "Highway Pilot" फीचर पेश करेगा—जहां वाहन राजमार्गों पर पूरी तरह से स्वतंत्र रूप से ड्राइव करेगा, लेन बदलेगा, और अन्य वाहनों से आगे निकलेगा। यह भारतीय राजमार्गों के लिए भी लाभकारी हो सकता है, विशेष रूप से Mumbai-Pune Expressway या Yamuna Expressway जैसे आधुनिक मार्गों पर, जहां थकान से होने वाली दुर्घटनाएं आम हैं।

वैश्विक प्रतिस्पर्धा और बाजार गतिशीलता

सैमसंग-हुंडई साझेदारी वैश्विक प्रतिस्पर्धा के बीच आती है। Tesla और Nvidia की साझेदारी पहले से ही बाजार में अग्रणी है—Tesla के FSD (Full Self-Driving) चिप्स Nvidia के GPU आर्किटेक्चर पर आधारित हैं। चीन में, BYD और Huawei ने मिलकर Kirin चिप विकसित की है जो चीनी EV बाजार में तेजी से फैल रही है। जर्मनी में, Volkswagen और Infineon Technologies मिलकर यूरोपीय मानकों के अनुरूप चिप्स बना रहे हैं।

लेकिन सैमसंग-हुंडई के पास एक अद्वितीय लाभ है: वे एक ही देश की कंपनियां हैं, जिसका मतलब है कि वे तेजी से सहयोग कर सकती हैं, नियामक बाधाओं को आसानी से पार कर सकती हैं, और दक्षिण कोरियाई सरकार के समर्थन का लाभ उठा सकती हैं। दक्षिण कोरियाई सरकार ने 2022-2030 के लिए ₹4 लाख करोड़ ($50 billion) का सेमीकंडक्टर निवेश कार्यक्रम घोषित किया है, जिसका एक बड़ा हिस्सा वाहन चिप्स पर केंद्रित है।

भारतीय संदर्भ में, यह एक महत्वपूर्ण सबक है। भारत के पास Tata Motors, Mahindra, और बढ़ती EV स्टार्टअप्स (Ola Electric, Ather Energy) हैं। भारत के पास TCS, Infosys, Wipro जैसी मजबूत सॉफ्टवेयर कंपनियां भी हैं। लेकिन हार्डवेयर (चिप निर्माण) में भारत अभी भी पीछे है। यदि भारत सैमसंग-हुंडई जैसी घरेलू साझेदारी बना सकता है—उदाहरण के लिए, Tata Electronics (जो सेमीकंडक्टर में प्रवेश कर रही है) और Tata Motors के बीच—तो भारत भी इस वैश्विक दौड़ में प्रतिस्पर्धी बन सकता है।

आर्थिक और सामरिक निहितार्थ

इस साझेदारी का आर्थिक प्रभाव विशाल है। वैश्विक वाहन सेमीकंडक्टर बाजार 2025 में ₹5 लाख करोड़ ($60 billion) का है और 2030 तक ₹12 लाख करोड़ ($150 billion) तक पहुंचने की उम्मीद है—मुख्य रूप से स्वायत्त और इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास के कारण। सैमसंग-हुंडई इस बाजार में 15-20% हिस्सेदारी का लक्ष्य रख रहे हैं, जिसका मतलब है ₹2 लाख करोड़ का वार्षिक राजस्व।

सामरिक दृष्टि से, यह आपूर्ति श्रृंखला स्वतंत्रता के बारे में है। COVID-19 महामारी और यूक्रेन युद्ध ने दिखाया कि सेमीकंडक्टर पर निर्भरता राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है। जब 2021 में चिप की कमी हुई, तो हुंडई को अपने कारखाने बंद करने पड़े और ₹50,000 करोड़ का नुकसान हुआ। अब, सैमसंग के साथ साझेदारी के माध्यम से, हुंडई अपनी आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित कर रही है। यह वही रणनीति है जो भारत अपने Digital India और Atmanirbhar Bharat कार्यक्रमों के तहत अपना रही है—आत्मनिर्भरता और रणनीतिक स्वायत्तता।

सैमसंग और हुंडई की AI चिप साझेदारी न केवल तकनीकी नवाचार का प्रतीक है, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे घरेलू सहयोग वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सफलता प्राप्त कर सकता है। भारत के लिए, जो अपनी EV क्रांति और सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता की यात्रा पर है, यह एक महत्वपूर्ण मॉडल प्रदान करता है: वाहन विशेषज्ञों और चिप निर्माताओं को एक साथ लाकर, भारत भी अगली पीढ़ी की स्वायत्त ड्राइविंग तकनीक में एक खिलाड़ी बन सकता है।


मूल कोरियाई लेख पढ़ें: Trendy News Korea

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