दक्षिण कोरिया रियल एस्टेट नीति के चौराहे पर: आवासीय बाजार स्थिरीकरण और सामाजिक न्याय के बीच संतुलन की तलाश
दक्षिण कोरिया की रियल एस्टेट नीति एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ी है, जहाँ सरकार को आवासीय बाजार की स्थिरता, आर्थिक विकास, और सामाजिक न्याय के बीच एक नाजुक संतुलन बनाना पड़ रहा है। 2025 के तीसरे तिमाही में दक्षिण कोरियाई रियल एस्टेट बाजार ने जो जटिल पैटर्न दिखाया है, वह न केवल देश की आर्थिक नीतियों की प्रभावशीलता पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भविष्य की आवास नीति की दिशा निर्धारण के लिए भी महत्वपूर्ण संकेत प्रदान करता है। सियोल और इसके आसपास के मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में आवासीय संपत्ति की कीमतों में हाल की अस्थिरता, ब्याज दरों में परिवर्तन, और सरकारी नीतियों के प्रभाव ने एक ऐसी स्थिति बनाई है जहाँ पारंपरिक नीतिगत उपकरण अपर्याप्त साबित हो रहे हैं।
दक्षिण कोरिया की रियल एस्टेट नीति को समझने के लिए देश के तीव्र शहरीकरण और आर्थिक विकास के इतिहास को देखना आवश्यक है। 1960 और 1970 के दशकों में शुरू हुई तेज़ औद्योगीकरण की प्रक्रिया ने लाखों लोगों को ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों, विशेष रूप से सियोल और बुसान जैसे महानगरों में आने पर मजबूर किया। इस जनसांख्यिकीय बदलाव ने आवास की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि की, लेकिन आपूर्ति उस अनुपात में नहीं बढ़ी। परिणामस्वरूप, दक्षिण कोरिया में रियल एस्टेट न केवल एक आवासीय आवश्यकता बन गई, बल्कि यह एक प्रमुख निवेश साधन भी बनी, जिससे संपत्ति की कीमतों में लगातार वृद्धि का चक्र शुरू हुआ।
समसामयिक दक्षिण कोरियाई रियल एस्टेट बाजार की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह देश की कुल घरेलू संपत्ति का लगभग 75% प्रतिनिधित्व करता है, जो अन्य विकसित देशों की तुलना में काफी अधिक है। यह उच्च प्रतिशत इस बात को दर्शाता है कि दक्षिण कोरियाई परिवारों की संपत्ति काफी हद तक रियल एस्टेट में निवेशित है, जिससे संपत्ति की कीमतों में उतार-चढ़ाव का प्रभाव पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। इस संदर्भ में सरकारी नीतियाँ न केवल आवास बाजार को प्रभावित करती हैं, बल्कि व्यापक आर्थिक स्थिरता और सामाजिक कल्याण को भी प्रभावित करती हैं।
वर्तमान बाजार की स्थिति और चुनौतियाँ
2025 की तीसरी तिमाही में दक्षिण कोरियाई रियल एस्टेट बाजार की स्थिति विरोधाभासों से भरी है। एक तरफ सियोल के केंद्रीय जिलों में संपत्ति की कीमतें अभी भी ऐतिहासिक रूप से उच्च स्तर पर हैं, वहीं दूसरी तरफ लेन-देन की मात्रा में महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई है। जुलाई से सितंबर 2025 के दौरान सियोल मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में अपार्टमेंट की बिक्री पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 35% कम रही, जो 2019 के बाद से सबसे कम आंकड़ा है। यह गिरावट कई कारकों का परिणाम है, जिनमें बढ़ती ब्याज दरें, सख्त DSR (Debt Service Ratio) नियम, और खरीदारों की सावधान नीति शामिल है।
DSR नियमों का प्रभाव विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। 2024 के अंत में लागू किए गए संशोधित DSR नियमों के तहत, घर खरीदार अपनी कुल आय का अधिकतम 40% हिस्सा लोन चुकाने के लिए उपयोग कर सकते हैं। यह नियम उच्च मध्यम वर्गीय परिवारों को विशेष रूप से प्रभावित कर रहा है, जो पहले अपनी आय का 50-60% तक लोन सर्विसिंग में उपयोग कर सकते थे। इस नीति का उद्देश्य घरेलू कर्ज़ के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करना था, लेकिन इसका अनपेक्षित परिणाम यह हुआ है कि कई संभावित खरीदार बाजार से बाहर हो गए हैं।
क्षेत्रीय असंतुलन की समस्या भी गहराई से दिखाई दे रही है। जहाँ सियोल के गैंगनम, सोचो, और जंगग्वी जैसे प्रमुख जिलों में संपत्ति की कीमतें अभी भी बढ़ रही हैं या स्थिर हैं, वहीं सियोल के बाहरी इलाकों और अन्य शहरों में कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। यह असंतुलन "विनर टेक ऑल" की तरह की स्थिति बना रहा है, जहाँ प्रमुख स्थानों की संपत्ति एक सुरक्षित निवेश माने जा रहे हैं, जबकि अन्य क्षेत्रों में निवेशक संकोच कर रहे हैं। इस प्रवृत्ति का प्रभाव न केवल संपत्ति बाजार पर पड़ रहा है, बल्कि यह सामाजिक गतिशीलता और क्षेत्रीय विकास को भी प्रभावित कर रहा है।
नई आपूर्ति की कमी एक और गंभीर चुनौती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2025 में सियोल मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में नए अपार्टमेंट प्रोजेक्ट्स की संख्या पिछले दशक के औसत से 25% कम है। यह कमी कई कारणों से है: जमीन की कमी, पर्यावरणीय नियमों में सख्ती, निर्माण लागत में वृद्धि, और डेवलपर्स की बदली हुई रणनीति। जमीन की कमी विशेष रूप से सियोल जैसे घनी आबादी वाले शहरों में गंभीर है, जहाँ नए विकास के लिए उपलब्ध भूमि सीमित है और मौजूदा संरचनाओं का पुनर्विकास जटिल और महंगी प्रक्रिया है।
सरकारी नीति का विकास और बदलाव
यून सुक-योल सरकार की रियल एस्टेट नीति पिछली सरकारों से काफी अलग रुख अपनाती है। मून जे-इन सरकार के दौरान लागू किए गए सख्त नियंत्रण उपायों को धीरे-धीरे शिथिल किया जा रहा है, लेकिन एक सावधान और चरणबद्ध तरीके से। सरकार का मुख्य उद्देश्य बाजार की स्थिरता बनाए रखते हुए आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देना है। इस रणनीति के तहत कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनमें से सबसे प्रमुख है LTV (Loan-to-Value) अनुपात में वृद्धि और कुछ क्षेत्रों में निवेश प्रतिबंधों में छूट।
LTV अनुपात में बदलाव सबसे महत्वपूर्ण नीतिगत परिवर्तन है। सरकार ने सियोल के कुछ गैर-स्पेक्यूलेशन जिलों में LTV अनुपात को 50% से बढ़ाकर 60% कर दिया है, जिससे खरीदारों को कम डाउन पेमेंट के साथ घर खरीदने की सुविधा मिली है। यह बदलाव विशेष रूप से पहली बार घर खरीदने वाले लोगों के लिए सहायक साबित हो रहा है, जिन्हें पहले बड़ी मात्रा में प्रारंभिक पैसे की आवश्यकता होती थी। हालांकि, यह नीति केवल चुनिंदा क्षेत्रों में लागू की गई है और सरकार इसके प्रभाव की बारीकी से निगरानी कर रही है।
संपत्ति कर व्यवस्था में भी महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं। सरकार ने घोषणा की है कि संपत्ति मूल्यांकन दरों में वृद्धि की गति को धीमा किया जाएगा और कुछ मामलों में कर की दरों में कमी भी की जाएगी। यह बदलाव उन मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत देने के लिए किया गया है जो अपने घरों पर बढ़ते कर के बोझ से परेशान थे। हालांकि, आलोचकों का कहना है कि यह कदम संपत्ति की कीमतों को कृत्रिम रूप से बढ़ाने में योगदान दे सकता है और दीर्घकालिक बाजार स्थिरता के लिए हानिकारक हो सकता है।
सार्वजनिक आवास नीति में भी नया दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है। सरकार ने "K-हाउसिंग" योजना की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य अगले 10 वर्षों में 3 मिलियन नई आवासीय इकाइयों का निर्माण करना है। इस योजना में सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों की भागीदारी होगी, और विशेष जोर युवाओं और नवविवाहित जोड़ों के लिए किफायती आवास प्रदान करने पर है। K-हाउसिंग योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा "स्मार्ट सिटी" का विकास भी है, जहाँ आधुनिक तकनीक और पर्यावरण-अनुकूल डिज़ाइन का उपयोग करके टिकाऊ आवासीय समुदाय बनाए जाएंगे।
सामाजिक न्याय और आवास अधिकार
दक्षिण कोरिया में रियल एस्टेट नीति का सामाजिक न्याय के साथ गहरा संबंध है। आवास की बढ़ती कीमतों ने समाज में आर्थिक असमानता को बढ़ाया है और एक पूरी पीढ़ी को संपत्ति मालिकी से वंचित करने का खतरा पैदा किया है। "अपार्टू" (Aparteu - अपार्टमेंट का कोरियाई रूप) न केवल एक आवासीय व्यवस्था है, बल्कि यह सामाजिक स्थिति का भी प्रतीक बन गया है। सियोल के प्रमुख जिलों में अपार्टमेंट का मालिक होना अब मध्यम वर्गीय जीवन का पैमाना माना जाता है, जिससे जो लोग इसे वहन नहीं कर सकते, वे सामाजिक रूप से हाशिए पर चले जाते हैं।
युवा पीढ़ी की स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है। हाल के सर्वेक्षणों से पता चलता है कि 30 साल से कम उम्र के 70% से अधिक लोग मानते हैं कि वे कभी भी सियोल में अपना घर नहीं खरीद सकेंगे। यह निराशा न केवल आर्थिक है बल्कि सामाजिक और मनोवैज्ञानिक भी है। कई युवा अपने करियर और जीवन की योजनाओं को इस तथ्य के आधार पर बना रहे हैं कि वे कभी घर के मालिक नहीं बन सकेंगे। इससे "हेल चोसन" (Hell Joseon) जैसी अवधारणाएं जन्म ले रही हैं, जो युवाओं की निराशा और असंतोष को दर्शाती हैं।
महिलाओं की स्थिति भी इस संदर्भ में विशेष ध्यान देने योग्य है। पारंपरिक रूप से दक्षिण कोरियाई समाज में संपत्ति का मालिकाना हक पुरुषों के पास रहता था, लेकिन बदलते सामाजिक ढांचे और महिलाओं की बढ़ती आर्थिक स्वतंत्रता के साथ यह स्थिति बदल रही है। हालांकि, वेतन अंतर और करियर बाधाओं के कारण महिलाओं के लिए संपत्ति खरीदना अभी भी पुरुषों की तुलना में अधिक कठिन है। सरकार ने इस समस्या को पहचानते हुए महिलाओं के लिए विशेष आवास योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन उनकी पहुंच और प्रभावशीलता अभी भी सीमित है।
"जेओनसे" (Jeonse) व्यवस्था, जो दक्षिण कोरिया की एक अनूठी आवास व्यवस्था है, भी इस सामाजिक संकट का हिस्सा है। जेओनसे में किरायेदार मकान मालिक को एक बड़ी राशि (आमतौर पर संपत्ति मूल्य का 70-80%) जमा के रूप में देता है और फिर बिना मासिक किराए के घर में रह सकता है। यह व्यवस्था कम ब्याज दरों के समय में फायदेमंद थी, लेकिन बढ़ती ब्याज दरों और संपत्ति की कीमतों में अस्थिरता के कारण यह समस्याग्रस्त हो गई है। कई मकान मालिक अब जेओनसे की जमा राशि वापस करने में असमर्थ हैं, जिससे किरायेदारों के साथ कानूनी विवाद बढ़ रहे हैं।
भविष्य की दिशा और नवाचार
दक्षिण कोरिया की रियल एस्टेट नीति का भविष्य तकनीकी नवाचार और टिकाऊ विकास के सिद्धांतों पर आधारित होने की संभावना है। सरकार "प्रोप-टेक" (Property Technology) को बढ़ावा दे रही है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, और IoT तकनीकों का उपयोग संपत्ति बाजार को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए किया जा रहा है। इन तकनीकों से संपत्ति मूल्यांकन, लेन-देन प्रक्रिया, और बाजार विश्लेषण में महत्वपूर्ण सुधार की उम्मीद है।
ग्रीन बिल्डिंग और स्थायी आवास भी भविष्य की नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सरकार ने घोषणा की है कि 2030 तक सभी नई आवासीय परियोजनाओं को कार्बन न्यूट्रल बनाना होगा। इसके लिए नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, और पर्यावरण-अनुकूल निर्माण सामग्री का उपयोग अनिवार्य किया जा रहा है। यह नीति न केवल पर्यावरणीय लाभ प्रदान करेगी, बल्कि लंबे समय में आवास की परिचालन लागत भी कम करेगी।
क्षेत्रीय विकास और संतुलित विकास भी भविष्य की रणनीति का हिस्सा है। सरकार "पॉलीसेंट्रिक डेवलपमेंट" की नीति अपना रही है, जिसका उद्देश्य सियोल के बाहर अन्य शहरों को आकर्षक विकल्प बनाना है। इसके लिए परिवहन अवसंरचना में सुधार, नए औद्योगिक केंद्रों का विकास, और शैक्षणिक संस्थानों का विकेंद्रीकरण किया जा रहा है। यदि यह रणनीति सफल होती है, तो यह सियोल पर आवास दबाव को कम करने में मदद कर सकती है।
दक्षिण कोरिया की रियल एस्टेट नीति वर्तमान में एक जटिल और महत्वपूर्ण चुनौती का सामना कर रही है। आर्थिक स्थिरता, सामाजिक न्याय, और पर्यावरणीय स्थिरता के बीच संतुलन बनाना एक कठिन कार्य है, लेकिन यह भविष्य की समृद्धि और सामाजिक सामंजस्य के लिए आवश्यक है। सरकार की नई नीतियों की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वे कितनी प्रभावी रूप से इन विविध उद्देश्यों को संतुलित कर सकती हैं और दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित कर सकती हैं।
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