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दक्षिण कोरिया में युवा अलगाव संकट और सामुदायिक सहायता कार्यक्रम

दक्षिण कोरिया में युवा अलगाव संकट: सामुदायिक सहायता कार्यक्रम और मानसिक स्वास्थ्य पहल के माध्यम से युवाओं के पुनर्एकीकरण की चुनौती

दक्षिण कोरिया में युवा अलगाव का संकट चिंताजनक रूप से बढ़ रहा है, जहां 15-29 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 244,000 युवा सामाजिक अलगाव की स्थिति में जी रहे हैं। यह आंकड़ा कुल युवा जनसंख्या का लगभग 2.3% है, और विशेषज्ञों के अनुसार यह संख्या COVID-19 महामारी के बाद से 40% बढ़ी है। सरकार और विभिन्न सामुदायिक संगठनों द्वारा इस गंभीर सामाजिक चुनौती से निपटने के लिए व्यापक रणनीति तैयार की गई है, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, सामुदायिक केंद्रों की स्थापना, और डिजिटल हस्तक्षेप कार्यक्रम शामिल हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर तुरंत और प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई, तो यह समस्या न केवल व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करेगी, बल्कि दक्षिण कोरिया की भविष्य की कार्यशक्ति और सामाजिक ताने-बाने पर भी गहरा असर डालेगी।

युवा अलगाव की समस्या जटिल और बहुआयामी है, जिसमें सामाजिक दबाव, शैक्षणिक तनाव, रोजगार की चुनौतियां, और डिजिटल अति-निर्भरता जैसे कारक शामिल हैं। दक्षिण कोरिया की प्रतिस्पर्धी शिक्षा प्रणाली और "हेल जोसेन" (Hell Joseon) की सामाजिक अवधारणा, जो जीवन की कठिनाइयों का वर्णन करती है, ने कई युवाओं को सामाजिक वापसी की ओर धकेला है। अध्ययनों से पता चला है कि इनमें से 65% युवा दैनिक आधार पर 10 घंटे से अधिक समय घर के अंदर बिताते हैं, और 40% ने पिछले छह महीनों में किसी भी सामाजिक गतिविधि में भाग नहीं लिया है।

युवा अलगाव के कारण और सामाजिक पैटर्न

दक्षिण कोरिया में युवा अलगाव के मुख्य कारणों में शैक्षणिक तनाव सबसे प्रमुख है। कोरियाई शिक्षा प्रणाली की अत्यधिक प्रतिस्पर्धा और सुनेउंग (विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा) का दबाव कई युवाओं को मानसिक रूप से तोड़ देता है। राष्ट्रीय युवा नीति संस्थान के अनुसार, अलगाव की स्थिति में रहने वाले 78% युवाओं ने शैक्षणिक असफलता या प्रदर्शन के दबाव को अपनी स्थिति का प्राथमिक कारण बताया है। विशेष रूप से, "गाओकाओ न्यूरोसिस" (परीक्षा न्यूरोसिस) की घटना व्यापक है, जहां छात्र परीक्षा के भय से सामाजिक संपर्क से बचने लगते हैं।

रोजगार की चुनौतियां दूसरा प्रमुख कारक हैं। युवा बेरोजगारी दर, जो वर्तमान में 7.8% है, राष्ट्रीय औसत से दोगुनी है। विशेषकर कॉलेज स्नातकों के लिए स्थिति और भी गंभीर है, जहां अच्छी नौकरी पाने की प्रतिस्पर्धा इतनी तीव्र है कि कई युवा हताशा में सामाजिक वापसी कर लेते हैं। "चाइबेल वर्ग" (Chaebol-स्तरीय कंपनियों में नौकरी की इच्छा) का दबाव और "हेल जोसेन" की भावना ने एक ऐसा वातावरण बनाया है जहां युवा अपने भविष्य के बारे में निराशावादी हो जाते हैं।

डिजिटल अति-निर्भरता और इंटरनेट गेमिंग डिसऑर्डर भी महत्वपूर्ण योगदान कारक हैं। अलगाव की स्थिति में रहने वाले 85% युवा दैनिक आधार पर 8 घंटे से अधिक समय डिजिटल डिवाइस पर बिताते हैं। ऑनलाइन गेमिंग, सोशल मीडिया, और वेबटून की लत ने वास्तविक सामाजिक संपर्क की आवश्यकता को कम कर दिया है। "पीसी बैंग संस्कृति" और 24/7 इंटरनेट पहुंच ने एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है जहां युवा बिना घर से निकले सभी मनोरंजन और सामाजिक आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं।

परिवारिक संरचना में बदलाव भी एक महत्वपूर्ण कारक है। एकल-परिवार की बढ़ती संख्या और माता-पिता के काम में व्यस्तता के कारण घर में सामाजिक सहयोग की कमी हो गई है। कई युवा लंबे समय तक अकेले रहते हैं, जो सामाजिक कौशल के विकास में बाधक है। कोरियाई परिवारों में पारंपरिक "ऊपर-नीचे" संचार पैटर्न भी युवाओं को अपनी समस्याओं को साझा करने से रोकता है।

सामुदायिक सहायता कार्यक्रम और सरकारी पहल

दक्षिण कोरियाई सरकार ने युवा अलगाव से निपटने के लिए "युवा सामुदायिक पुनः एकीकरण कार्यक्रम (Youth Community Reintegration Program)" लॉन्च किया है, जिसके लिए 2025-2027 के बीच 1.2 ट्रिलियन कोरियाई वॉन ($900 मिलियन) का बजट आवंटित किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत देशभर में 300 "युवा सपोर्ट सेंटर" स्थापित किए जाएंगे, जो प्रत्येक जिले में स्थित होंगे। ये केंद्र व्यापक सेवाएं प्रदान करेंगे, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य परामर्श, कौशल विकास प्रशिक्षण, सामाजिक गतिविधियां, और रोजगार सहायता शामिल है।

कार्यक्रम का एक प्रमुख घटक "बडी सिस्टम" है, जहां सफलतापूर्वक पुनः एकीकृत युवा नए सदस्यों के लिए सहायक (मेंटर) का काम करते हैं। यह पीयर-टू-पीयर सपोर्ट मॉडल विशेष रूप से प्रभावी साबित हुआ है, क्योंकि यह उन लोगों से सहायता प्रदान करता है जिन्होंने समान अनुभव किया है। प्रत्येक बडी को 40 घंटे का विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है और वे मासिक 300,000 कोरियाई वॉन ($225) का स्टाइपेंड प्राप्त करते हैं।

डिजिटल हस्तक्षेप कार्यक्रम में AI-संचालित चैटबॉट और वर्चुअल रियलिटी थेरेपी शामिल है। "कॉम्पैनियन AI" एप्लिकेशन 24/7 उपलब्ध है और संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (CBT) तकनीकों का उपयोग करके व्यक्तिगत सहायता प्रदान करती है। VR थेरेपी सेशन युवाओं को सुरक्षित वातावरण में सामाजिक स्थितियों का अभ्यास करने की सुविधा देते हैं। परीक्षण चरण में, इस तकनीक ने 73% प्रतिभागियों में सामाजिक चिंता में कमी दिखाई है।

कार्यक्रम में "ग्रेजुएटेड रीइंटिग्रेशन" दृष्टिकोण अपनाया गया है, जो युवाओं को चरणबद्ध तरीके से सामुदायिक जीवन में वापस लाने पर केंद्रित है। प्रारंभिक चरण में व्यक्तिगत परामर्श और ऑनलाइन सपोर्ट ग्रुप्स शामिल हैं। दूसरे चरण में छोटे समूह गतिविधियां, कौशल विकास कार्यशालाएं, और संरचित सामाजिक अंतःक्रिया होती है। अंतिम चरण में इंटर्नशिप, वोलंटीयरिंग, और पार्ट-टाइम रोजगार के अवसर प्रदान किए जाते हैं।

मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार और नवाचार

मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए, सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा में मानसिक स्वास्थ्य कवरेज को 70% से बढ़ाकर 90% कर दिया है। यह परिवर्तन विशेष रूप से 18-30 वर्ष आयु समूह के लिए लागू है। अब युवा प्रति वर्ष 20 मुफ्त परामर्श सेशन और आवश्यकतानुसार मनोचिकित्सक दवाएं प्राप्त कर सकते हैं। इससे मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच में 250% की वृद्धि हुई है।

विशेष रूप से युवाओं के लिए डिज़ाइन किए गए "यूथ माइंड क्लिनिक्स" राष्ट्रव्यापी स्थापित किए जा रहे हैं। ये क्लिनिक पारंपरिक अस्पताल सेटिंग के बजाय कैफे-जैसे आरामदायक वातावरण में स्थित हैं, जो कलंक को कम करने और युवाओं को सेवाओं तक पहुंचने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। प्रत्येक क्लिनिक में मनोवैज्ञानिक, सामाजिक कार्यकर्ता, करियर काउंसलर, और पीयर सपोर्ट स्पेशलिस्ट की टीम होती है।

टेलीमेडिसिन और डिजिटल थेरेपी प्लेटफॉर्म का व्यापक विस्तार किया गया है। "माइंडब्रिज" एप्लिकेशन AI-पावर्ड मूड ट्रैकिंग, डेली चेक-इन्स, और पर्सनलाइज़्ड कॉपिंग स्ट्रैटेजीज़ प्रदान करती है। एप्लिकेशन में गेमिफिकेशन एलिमेंट्स भी हैं जो युवाओं को दैनिक लक्ष्य पूरे करने और सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करते हैं। पहले छह महीनों में 180,000 युवाओं ने इस एप्लिकेशन का उपयोग किया है।

समूह थेरेपी कार्यक्रमों में विविधता लाई गई है, जिसमें आर्ट थेरेपी, म्यूज़िक थेरेपी, स्पोर्ट्स थेरेपी, और पेट थेरेपी शामिल हैं। ये वैकल्पिक चिकित्सा विधियां उन युवाओं के लिए विशेष रूप से प्रभावी हैं जो पारंपरिक बातचीत-आधारित थेरेपी में सहज महसूस नहीं करते। पेट थेरेपी कार्यक्रम में प्रशिक्षित कुत्ते और बिल्लियां शामिल हैं, जो सामाजिक चिंता को कम करने और भावनात्मक संबंध बनाने में मदद करती हैं।

शैक्षणिक संस्थानों में सुधार और रोकथाम कार्यक्रम

शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों और विश्वविद्यालयों में "प्रारंभिक हस्तक्षेप और रोकथाम कार्यक्रम (Early Intervention and Prevention Program)" लागू किया है। इस कार्यक्रम के तहत सभी मिडिल और हाई स्कूलों में फुल-टाइम स्कूल काउंसलर नियुक्त किए गए हैं। ये काउंसलर विशेष रूप से सामाजिक वापसी के शुरुआती संकेतों की पहचान करने के लिए प्रशिक्षित हैं, जैसे कि लगातार अनुपस्थिति, सामाजिक गतिविधियों से बचना, या शैक्षणिक प्रदर्शन में अचानक गिरावट।

विश्वविद्यालयों में "फ्लेक्सिबल एकेडेमिक पाथवे" प्रोग्राम शुरू किया गया है, जो छात्रों को अपनी गति से अध्ययन करने की सुविधा देता है। गैप वर्ष (Gap Year) कार्यक्रम को संस्थागत रूप दिया गया है, जहां छात्र बिना शैक्षणिक दंड के एक या दो वर्ष का ब्रेक ले सकते हैं। इस अवधि के दौरान वे मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं, कौशल विकास प्रशिक्षण, या सामुदायिक सेवा में भाग ले सकते हैं।

पाठ्यक्रम में सामाजिक-भावनात्मक शिक्षा (Social-Emotional Learning, SEL) को एक अनिवार्य विषय के रूप में शामिल किया गया है। यह कार्यक्रम छात्रों को भावनात्मक बुद्धिमत्ता, तनाव प्रबंधन, संचार कौशल, और सामाजिक संपर्क के कौशल सिखाता है। शोध से पता चला है कि SEL कार्यक्रम में भाग लेने वाले छात्रों में सामाजिक चिंता 35% कम होती है और शैक्षणिक प्रदर्शन 20% बेहतर होता है।

स्कूलों में "सेफ स्पेस" कार्यक्रम भी शुरू किया गया है, जहां छात्र बिना किसी जजमेंट के अपनी समस्याओं के बारे में बात कर सकते हैं। ये स्थान पुस्तकालयों, काउंसलिंग रूम्स, या विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए आराम क्षेत्रों में स्थापित किए गए हैं। ट्रेंड पीयर सपोर्ट प्रोग्राम के तहत सीनियर स्टूडेंट्स को जूनियर्स की मदद करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।

रोजगार और कैरियर सहायता कार्यक्रम

रोजगार मंत्रालय ने "युवा करियर ब्रिज प्रोग्राम" लॉन्च किया है, जो अलगाव की स्थिति से बाहर आने वाले युवाओं के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है। इस कार्यक्रम में 6 महीने का कौशल विकास प्रशिक्षण, 3 महीने की इंटर्नशिप, और गारंटीशुदा नौकरी प्लेसमेंट शामिल है। प्रतिभागियों को प्रशिक्षण के दौरान मासिक 1.5 मिलियन कोरियाई वॉन ($1,125) का स्टाइपेंड भी दिया जाता है।

प्रोग्राम में IT, हेल्थकेयर, ग्रीन एनर्जी, और क्रिएटिव इंडस्ट्रीज़ जैसे भविष्य-उन्मुख क्षेत्रों पर फोकस है। विशेष रूप से, डिजिटल मार्केटिंग, वेब डेवलपमेंट, ग्राफिक डिज़ाइन, और डेटा एनालिटिक्स जैसे कौशल सिखाए जाते हैं जो रिमोट वर्क के लिए भी उपयुक्त हैं। यह उन युवाओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जो अभी भी पूर्ण सामाजिक वातावरण में काम करने के लिए तैयार नहीं हैं।

सामाजिक उद्यम और स्टार्टअप इंक्यूबेटर कार्यक्रमों को भी विस्तारित किया गया है। "यूथ इनोवेशन हब" 243 स्थानों पर स्थापित किए गए हैं, जो युवाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए कार्यक्षेत्र, वित्तीय सहायता, और मेंटरशिप प्रदान करते हैं। कई युवाओं ने अपने एकांतवास के अनुभव को क्रिएटिव प्रोजेक्ट्स, वेब कॉमिक्स, गेम डेवलपमेंट, या ऑनलाइन कंटेंट क्रिएशन में बदला है।

"स्लो करियर" अवधारणा को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, जो युवाओं को तुरंत उच्च-दबाव वाली नौकरियों में जाने के बजाय अपनी गति से करियर बनाने की सुविधा देती है। फ्लेक्सिबल वर्क अरेंजमेंट, जॉब शेयरिंग, और प्रोजेक्ट-बेस्ड वर्क के अवसर बढ़ाए गए हैं। यह दृष्टिकोण उन युवाओं के लिए विशेष रूप से सहायक है जिन्हें पूर्णकालिक नौकरी का तनाव संभालना कठिन लगता है।

सामुदायिक और सामाजिक नेटवर्क का पुनर्निर्माण

सामुदायिक स्तर पर, "नेबरहुड कनेक्शन प्रोजेक्ट" शुरू किया गया है, जो स्थानीय समुदायों को युवा अलगाव से निपटने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करता है। प्रत्येक dong (कोरियाई प्रशासनिक इकाई) में कम्युनिटी हेल्थ वर्कर्स नियुक्त किए गए हैं जो नियमित रूप से युवाओं और उनके परिवारों से मिलते हैं। ये वर्कर्स स्थानीय स्तर पर सहायता नेटवर्क बनाने और युवाओं को स्थानीय गतिविधियों में शामिल करने में मदद करते हैं।

इंटरजेनरेशनल प्रोग्राम भी एक महत्वपूर्ण घटक है, जहां युवाओं को बुजुर्गों के साथ जोड़ा जाता है। "ग्रैंडपैरेंट-फ्रेंड" कार्यक्रम में युवा अकेले रहने वाले बुजुर्गों की मदद करते हैं और बदले में जीवन के अनुभव और मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं। यह कार्यक्रम दोनों पीढ़ियों के लिए फायदेमंद साबित हुआ है, जहां युवाओं को उद्देश्य की भावना मिलती है और बुजुर्गों को सामाजिक संपर्क।

कम्युनिटी गार्डन, स्पोर्ट्स क्लब्स, और आर्ट सेंटर्स जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। ये गतिविधियां कम दबाव वाले वातावरण में सामाजिक संपर्क की सुविधा प्रदान करती हैं। विशेष रूप से, "थेरेप्यूटिक गार्डनिंग" प्रोग्राम बहुत लोकप्रिय हुआ है, जहां युवा प्रकृति के साथ जुड़ाव के माध्यम से तनाव कम करते हैं और अन्य प्रतिभागियों के साथ धीरे-धीरे संबंध बनाते हैं।

डिजिटल कम्युनिटी प्लेटफॉर्म भी विकसित किए गए हैं जो ऑनलाइन और ऑफलाइन गतिविधियों को जोड़ते हैं। "लोकल कनेक्ट" एप्लिकेशन युवाओं को अपने क्षेत्र में हो रही गतिविधियों के बारे में जानकारी देती है और उन्हें धीरे-धीरे सामुदायिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रेरित करती है। एप्लिकेशन में "एनॉनिमस मोड" भी है जो युवाओं को बिना पहचान उजागर किए गतिविधियों में रुचि दिखाने की सुविधा देता है।

परिवारिक सहायता और पैरेंट एजुकेशन प्रोग्राम

परिवारों की भूमिका को पहचानते हुए, व्यापक पैरेंट एजुकेशन और फैमिली सपोर्ट प्रोग्राम शुरू किए गए हैं। "अंडरस्टैंडिंग यूथ आइसोलेशन" कार्यक्रम में माता-पिता को अलगाव के चेतावनी संकेतों को पहचानना, सहायक संचार तकनीकें, और उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करना सिखाया जाता है। कार्यक्रम में मानसिक स्वास्थ्य प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण भी शामिल है।

फैमिली थेरेपी सेशन में संपूर्ण परिवार की गतिशीलता पर काम किया जाता है। कई मामलों में, युवा अलगाव पारिवारिक तनाव, संचार की कमी, या अत्यधिक अपेक्षाओं का परिणाम होता है। थेरेपिस्ट परिवारों को स्वस्थ संचार पैटर्न स्थापित करने, अपेक्षाओं को संतुलित करने, और सहायक वातावरण बनाने में मदद करते हैं। फैमिली सपोर्ट ग्रुप्स में समान स्थिति का सामना कर रहे परिवार एक-दूसरे से अनुभव साझा करते हैं।

आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती है, क्योंकि कई परिवार चिकित्सा और सहायता सेवाओं की लागत वहन नहीं कर सकते। "फैमिली रिकवरी फंड" कम आय वाले परिवारों को प्रति वर्ष 3 मिलियन कोरियाई वॉन ($2,250) तक की सहायता प्रदान करता है, जो थेरेपी सेशन, दवाओं, और अन्य सहायता सेवाओं को कवर करता है। यह सुनिश्चित करता है कि आर्थिक बाधाएं युवाओं को आवश्यक सहायता प्राप्त करने से न रोकें।

इन व्यापक सामुदायिक सहायता कार्यक्रमों और मानसिक स्वास्थ्य पहलों के माध्यम से, दक्षिण कोरिया युवा अलगाव की चुनौती से निपटने के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण अपना रहा है। प्रारंभिक परिणाम उत्साहजनक हैं, जहां 65% प्रतिभागियों ने कार्यक्रम में शामिल होने के 6 महीने बाद सामाजिक गतिविधियों में वृद्धि दिखाई है। यह व्यापक प्रयास न केवल व्यक्तिगत जीवन में सुधार लाने का लक्ष्य रखता है, बल्कि दक्षिण कोरिया की सामाजिक संरचना को मजबूत बनाने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक अधिक समावेशी समाज बनाने की दिशा में भी काम कर रहा है।

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